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कुलदेवी हवन (Kuldevi Havan) एक विशेष वैदिक हवन प्रक्रिया है, जो किसी परिवार, वंश या जाति की कुलदेवी (परिवार की रक्षक देवी) को समर्पित होती है।

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🌺 कुलदेवी हवन क्या है?

कुलदेवी हवन (Kuldevi Havan) एक विशेष वैदिक हवन प्रक्रिया है, जो किसी परिवार, वंश या जाति की कुलदेवी (परिवार की रक्षक देवी) को समर्पित होती है।

हर परिवार या वंश की एक कुलदेवी या कुलदेवता होते हैं, जिन्हें पीढ़ियों से पूजा जाता है। माना जाता है कि कुलदेवी की कृपा से परिवार पर संकट नहीं आता, वंश बढ़ता है और सुख-शांति बनी रहती है।

कुलदेवी हवन कुलदेवी को प्रसन्न करने, उनका आशीर्वाद पाने और पितरों की संतुष्टि हेतु किया जाता है।

🔥 कुलदेवी हवन में क्या होता है?

  • सबसे पहले संकल्प लिया जाता है — परिवार का नाम, गोत्र, स्थान, और हवन का उद्देश्य।
  • फिर कुलदेवी का आवाहन, स्तुति, मंत्रजाप और अर्पण की प्रक्रिया होती है।
  • देवी के लिए विशेष सामग्री जैसे:
    • लाल फूल, रोली, चावल, कुमकुम
    • नारियल, गुड़, हलवा या पंचामृत
    • हवन सामग्री (घी, तिल, कपूर, समिधा आदि)
  • देवी के मंत्रों का जाप और अग्नि में आहुति दी जाती है:


ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ||

ॐ दुं दुर्गायै नमः ||


कुलदेवी हवन के लाभ

  1. कुल और वंश की रक्षा
    – वंश में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।
  2. पारिवारिक कल्याण
    – घर में प्रेम, एकता और सामंजस्य बढ़ता है।
  3. पूर्वजों (पितरों) की कृपा
    – पितृ दोष में राहत मिलती है और वंश वृद्धि होती है।
  4. अशुभ प्रभावों से सुरक्षा
    – तांत्रिक बाधा, नज़र दोष या कुल से जुड़े दोष शांत होते हैं।
  5. स्वास्थ्य, व्यापार, और शिक्षा में उन्नति
    – संतान सुख, करियर ग्रोथ और आर्थिक स्थिरता में सहायक।
  6. घर में सकारात्मक ऊर्जा और देवी कृपा
    – नकारात्मकता दूर होती है और देवी का संरक्षण बना रहता है।

📅 कुलदेवी हवन कब करें?

  • नवविवाहितों द्वारा विवाह के बाद
  • नई पीढ़ी (बच्चों) के जन्म के बाद
  • गृह प्रवेश या नया काम शुरू करते समय
  • नवरात्रि, अष्टमी, या कुलदेवी के विशेष दिन पर
  • जब परिवार में बार-बार परेशानी आ रही हो