
ग्रह शांति हवन एक वैदिक अग्निकर्म (हवन) होता है, जो नवग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु) के दोषों को शांत करने और उनके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
🌟 ग्रह शांति हवन क्या है?
ग्रह शांति हवन एक वैदिक अग्निकर्म (हवन) होता है, जो नवग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु) के दोषों को शांत करने और उनके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह दोष, अशुभ योग या दशा/अंतर्दशा से जीवन में बाधाएँ, कष्ट, मानसिक तनाव, आर्थिक संकट या स्वास्थ्य समस्याएँ आती हैं — तब ग्रह शांति हवन अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
🔥 ग्रह शांति हवन में क्या होता है?
- संकल्प (intention) लिया जाता है व्यक्ति के नाम, जन्म की जानकारी और कष्ट के अनुसार।
- नवग्रहों के बीज मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
- अग्नि में विशेष हवन सामग्री जैसे घी, जौ, तिल, नवग्रह की लकड़ी और जड़ी-बूटियाँ आहुत की जाती हैं।
- प्रत्येक ग्रह के लिए विशिष्ट मंत्रों और आहुतियों के साथ पूजा की जाती है।
✅ ग्रह शांति हवन के लाभ
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ग्रहों के दोषों से मुक्ति
– शनि की साढ़े साती, राहु-केतु की दशा, मंगल दोष आदि से राहत मिलती है। -
मानसिक शांति और संतुलन
– चिंता, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन और मानसिक अस्थिरता में कमी आती है। -
स्वास्थ्य में सुधार
– पुराने रोग, अचानक होने वाली बीमारियाँ आदि में राहत मिलती है। -
आर्थिक समस्याओं में सुधार
– धन की रुकावटें, नौकरी में बाधाएँ या व्यापार में नुकसान से उबरने में मदद मिलती है। -
सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास
– जीवन में नई ऊर्जा, उत्साह और आत्मबल का संचार होता है। -
परिवारिक कलह और संबंधों में सुधार
– घर-परिवार में शांति आती है और आपसी संबंध मधुर होते हैं।
📅 ग्रह शांति हवन कब करें?
- जन्मदिन, विवाह की सालगिरह, नया वर्ष आदि पर
- जब कुंडली में ग्रह दोष या नकारात्मक गोचर हो
- शनि साढ़े साती, राहु की महादशा या मंगल दोष के दौरान
- किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति हेतु