
लक्ष्मी यज्ञ एक विशेष वैदिक यज्ञ (हवन) है, जो माँ लक्ष्मी – धन, वैभव, सुख-संपत्ति और समृद्धि की देवी – को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
💰 लक्ष्मी यज्ञ क्या है?
लक्ष्मी यज्ञ एक विशेष वैदिक यज्ञ (हवन) है, जो माँ लक्ष्मी – धन, वैभव, सुख-संपत्ति और समृद्धि की देवी – को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
यह यज्ञ विशेष रूप से उन लोगों द्वारा किया जाता है जो:
- आर्थिक तंगी से जूझ रहे हों,
- धन में वृद्धि चाहते हों,
- व्यापार या नौकरी में लाभ चाहते हों,
- या अपने जीवन में समृद्धि और सौभाग्य लाना चाहते हों।
🔥 लक्ष्मी यज्ञ में क्या होता है?
- संकल्प: व्यक्ति का नाम, उद्देश्य और मनोकामना के साथ संकल्प लिया जाता है।
- गणेश पूजन: किसी भी यज्ञ से पहले विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा की जाती है।
-
महालक्ष्मी मंत्र जाप:
- लक्ष्मी बीज मंत्र:
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
- अग्निहोत्र (हवन):
- शुद्ध घी, कमलगट्टा, चावल, गुड़, कपूर, तिल और विशेष हवन सामग्री द्वारा देवी को आहुति दी जाती है।
- विशेष पुष्प और सुगंधित वस्तुएं जैसे केसर, चंदन आदि भी चढ़ाई जाती हैं।
✅ लक्ष्मी यज्ञ के लाभ
-
धन और समृद्धि में वृद्धि
– आर्थिक स्थिति सुधरती है, आय के नए स्रोत बनते हैं। -
व्यापार और करियर में सफलता
– कार्यक्षेत्र में उन्नति होती है, नए अवसर प्राप्त होते हैं। -
ऋण और आर्थिक कर्ज से मुक्ति
– पुराने कर्ज धीरे-धीरे उतरते हैं, पैसों का प्रवाह बेहतर होता है। -
घर में लक्ष्मी का वास
– नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, घर में सुख-शांति आती है। -
भाग्य में प्रबलता और शुभता
– अटके हुए काम बनते हैं, किस्मत साथ देती है। -
शुभ अवसरों की प्राप्ति
– विवाह, नौकरी, संतान आदि से जुड़ी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
📅 लक्ष्मी यज्ञ कब करें?
- दीपावली, धनतेरस, अक्षय तृतीया, शरद पूर्णिमा, या शुक्रवार को
- जब आर्थिक संकट हो
- व्यापार में मंदी हो
- या किसी नए आर्थिक कार्य की शुरुआत करनी हो