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शिव अभिषेक भगवान शिव की पूजा की एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली विधि है, जिसमें शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र द्रव्यों से स्नान (अभिषेक) कराया जाता है। यह एक वैदिक प्रक्रिया है, जिसमें भक्त श्रद्धा से भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए दूध, जल, शहद, बेलपत्र आदि अर्पित करते हैं।

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🕉️ शिव अभिषेक क्या है?

शिव अभिषेक भगवान शिव की पूजा की एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली विधि है, जिसमें शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र द्रव्यों से स्नान (अभिषेक) कराया जाता है। यह एक वैदिक प्रक्रिया है, जिसमें भक्त श्रद्धा से भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए दूध, जल, शहद, बेलपत्र आदि अर्पित करते हैं।

शिवलिंग पर अभिषेक करना आत्मशुद्धि, मानसिक शांति और जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति का मार्ग माना जाता है।

🔱 शिव अभिषेक में क्या-क्या अर्पित किया जाता है?

सामग्रीप्रतीक और लाभ
गंगा जलपवित्रता और शुद्धि का प्रतीक
दूधमन की शांति और शुद्ध भावनाएँ
दहीसमृद्धि और शीतलता
घीस्वास्थ्य और तेजस्विता
शहदमीठे संबंध और वाणी में मधुरता
शक्करजीवन में आनंद और सुख
बेलपत्रभगवान शिव को अत्यंत प्रिय, मनोकामना पूर्ति का प्रतीक
भस्म (राख)वैराग्य, अहंकार का विनाश

साथ ही मंत्रोच्चारण जैसे:

ॐ नमः शिवाय 

ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्...

का जाप किया जाता है।

शिव अभिषेक के लाभ

  1. मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति
    – मन में शांति आती है, चिंता और अवसाद कम होता है।
  2. संतान सुख और दांपत्य जीवन में सुधार
    – संतान प्राप्ति, विवाह संबंधी समस्याओं में लाभकारी।
  3. आध्यात्मिक उन्नति
    – साधना, ध्यान और आत्मज्ञान के लिए अत्यंत लाभदायक।
  4. नकारात्मक ऊर्जा का नाश
    – राहु-केतु जैसे ग्रह दोष और बुरी शक्तियों से रक्षा।
  5. स्वास्थ्य लाभ
    – रोगों से राहत मिलती है, विशेषकर मानसिक और स्नायु संबंधी।
  6. कर्मों का शुद्धिकरण और मोक्ष की प्राप्ति
    – पुराने पापों का क्षय होता है और आत्मा को शुद्धि मिलती है।
  7. रोज़गार, व्यापार, और पढ़ाई में सफलता
    – अभिषेक से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जो कर्मों को गति देती है।

📅 शिव अभिषेक कब करें?

  • सोमवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • महाशिवरात्रि, श्रावण मास, प्रदोष व्रत के दिन।
  • जब जीवन में बार-बार अड़चनें, असफलता या अशांति हो।
  • जन्मपत्रिका में राहु, केतु या शनि दोष हो।