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गणपति हवन एक पवित्र वैदिक अग्निहोत्र (हवन) प्रक्रिया है, जो भगवान श्री गणेश को समर्पित होती है।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता (बाधाओं को दूर करने वाले), सिद्धि दाता (सफलता देने वाले), और शुभारंभ के देवता माना जाता है।

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🙏 गणपति हवन क्या है?

गणपति हवन एक पवित्र वैदिक अग्निहोत्र (हवन) प्रक्रिया है, जो भगवान श्री गणेश को समर्पित होती है।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता (बाधाओं को दूर करने वाले), सिद्धि दाता (सफलता देने वाले), और शुभारंभ के देवता माना जाता है।

जब भी कोई नया कार्य शुरू किया जाता है — जैसे व्यवसाय, विवाह, गृह प्रवेश, पढ़ाई, यात्रा या कोई नई शुरुआत — तब गणपति हवन कराना अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है।

🕉️ गणपति हवन में क्या होता है?

  • सर्वप्रथम संकल्प लिया जाता है (किसके लिए, क्यों, किस उद्देश्य से)।
  • फिर गणपति अथर्वशीर्ष, गणेश गायत्री मंत्र, और गणपति बीज मंत्र का जप होता है:


ॐ गं गणपतये नमः।

ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्।


  • अग्नि में घी, जौ, तिल, दूर्वा (हरी घास), नारियल, गुड़ और सूखे मेवे आदि की आहुतियाँ दी जाती हैं।
  • अंत में आरती और प्रार्थना होती है।

गणपति हवन के लाभ

  1. सभी कार्यों में शुभता और सफलता
    – कोई भी नया काम बिना बाधा के पूर्ण होता है।
  2. विघ्नों का नाश
    – जीवन में आ रही रुकावटें, अनचाही अड़चनें और बुरे प्रभाव दूर होते हैं।
  3. बुद्धि और विवेक में वृद्धि
    – विद्यार्थियों और सोचने-विचारने वाले कार्यों में लगे लोगों के लिए विशेष लाभदायक।
  4. घर और कार्यालय में सकारात्मक ऊर्जा
    – वास्तु दोष, नकारात्मकता और कलह जैसी समस्याएँ कम होती हैं।
  5. मानसिक शांति और आत्मबल में वृद्धि
    – चिंता, भय और तनाव से मुक्ति मिलती है।
  6. आध्यात्मिक उन्नति
    – साधना, ध्यान और ईश्वर से जुड़ाव में सहायता मिलती है।

📅 गणपति हवन कब करें?

  • किसी भी नए कार्य के शुभारंभ से पहले
  • गणेश चतुर्थी, संक्रांति, अखंड कार्य सिद्धि के लिए
  • विद्यार्थियों, व्यवसायियों, या गृहस्थों के लिए उपयुक्त दिन चुनकर
  • विघ्न और बाधाओं के समय