🔥 अंगारक योग दोष हवन क्या है?
अंगारक योग एक अशुभ ग्रह योग होता है, जो तब बनता है जब मंगल (Mars) और राहु (Rahu) एक ही राशि में या एक ही भाव में स्थित होते हैं। इसे ज्योतिष में एक उग्र और क्रोधजनक योग माना जाता है।
इस योग के कारण व्यक्ति के जीवन में अक्सर:
- क्रोध, मानसिक असंतुलन, दुर्घटनाएँ, वैवाहिक समस्याएँ,
- कानूनी विवाद,
- और आकस्मिक नुकसान होते हैं।
इस योग को शांत करने के लिए अंगारक योग दोष निवारण हवन किया जाता है, जिससे मंगल और राहु दोनों के दोषों को शुद्ध किया जाता है।
🕉️ अंगारक योग दोष हवन में क्या होता है?
- सबसे पहले संकल्प लिया जाता है – व्यक्ति का नाम, जन्म की जानकारी और परेशानी के अनुसार।
-
इसके बाद राहु और मंगल के बीज मंत्रों का जाप किया जाता है:
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ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः। (मंगल मंत्र) ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। (राहु मंत्र)
- विशेष हवन सामग्री जैसे लाल चंदन, गुग्गुल, तिल, सफेद/नीली वस्तुएँ, नारियल, सरसों आदि की आहुतियाँ दी जाती हैं।
- कभी-कभी अंगारक दोष को शांत करने के लिए मंगल शांति और राहु शांति दोनों की पूजा एक साथ की जाती है।
✅ अंगारक योग दोष हवन के लाभ
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क्रोध और मानसिक तनाव से मुक्ति
– व्यक्ति का स्वभाव शांत होता है, गुस्सा और आवेग में सुधार आता है। -
दुर्घटनाओं से सुरक्षा
– अचानक होने वाली दुर्घटनाओं और चोट-चपेट से बचाव होता है। -
कानूनी मामलों और विवादों से छुटकारा
– कोर्ट केस, लड़ाई-झगड़े, झूठे आरोपों से राहत मिलती है। -
वैवाहिक जीवन में सुधार
– जीवनसाथी से तालमेल बेहतर होता है, कलह और अलगाव में कमी आती है। -
शारीरिक ऊर्जा का संतुलन
– शरीर में उग्रता या असंतुलन के बजाय स्थिरता और आत्मनियंत्रण आता है। -
राहु और मंगल के अशुभ प्रभाव कम होते हैं
– जीवन में स्थिरता, आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है।
📅 अंगारक योग दोष हवन कब करें?
- जब कुंडली में राहु और मंगल एक ही घर में हों,
- जब कोई व्यक्ति बार-बार क्रोध, चोट, या विवाद का शिकार हो रहा हो,
- मंगलवार, शनिवार या ग्रहण/अमावस्या के दिन,
- अंगारक योग के सक्रिय होने पर (जैसे गोचर में यह योग बन रहा हो)